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सरेआम होती घरेलू हिंसा !

रिश्तों का हो रहा है खून:-
आजकल आप अखबार जैसे ही उठा कर पढ़ना शुरू करते हैं आप थोड़े ही समय बाद पूरी तरह से व्यथित हो जाते हैं , आहत हो जाते हैं , आपके दिलो दिमाग में बहुत सारे दुख अपनी जगह बना लेते हैं । इसके कारण क्या होते हैं ? खासकर मैं इन विषयों पर आज आप लोगों से चर्चा करने वाला हूं कि किस तरह से अखबारों के हर पन्ने पर किसी न किसी जिले या प्रदेश में खास करके ऐसे अपराधों की चर्चा लिखी गई है , ऐसे अपराधों के बारे में बताया गया है जहां पर एक युवक किसी युवती पर अचानक से हमला करके उसे तब तक मारते रहता है जब तक कि वह मर नहीं जाती है या फिर कहीं-कहीं ऐसा देखने को कभी कभार मिल जाता है कि कोई महिला अपने किसी बच्चे या पति को इस तरीके से मौत के घाट उतारती है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
जैसे एक घटना आप लोगों को बताना जरूरी है जो कुछ दिन पहले घटी थी , त्रिपुरा में एक मां ने अपने 9 साल के बेटे को मार डाला था , मजदूरी करने वाली यह गरीब महिला अपने इकलौते बच्चे का गला दबा कर सिर्फ इसलिए मार डाली क्योंकि वह उसे परेशान कर रहा था, कहना नहीं मान रहा था, बदमाशियां करता था, खेलता था। इसे काम पर जाना पड़ता था, इसकी शिकायतें सुन सुनकर वह थक गई थी, उसके पति ने उसे छोड़ दिया था। हैरानी इस बात से भी हुई कि बच्चे को मार डालने के बाद वह उसके शव के पास बैठी रही।

ऐसे ही कोई महिला अपने पति को मौत के घाट उतार दे यूं तो यह कभी-कभी हो पता है लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये सब हो क्यों रहा है ??

इन सब विषयों पर जाने के पहले मैं आप लोगों को महाराष्ट्र के पालघर में हुई एक घटना के बारे में बताना जरूरी समझता हूं जो 18 जून को घटी थी, सुबह का समय था , सड़क पर गहमा गहमी थी लोग अपने-अपने काम पर जा रहे थे अचानक से एक युवक दौड़ता हुआ दिखाई देता है और पीछे से एक युवती पर बाकायदा एक बड़े से नट बोल्ट कसने वाले लोहे के रिंच से हमला करता है, सिर पर हुए इस हमले में युवती सीधे जमीन पर धारासाई होती है और उसके बाद भी युवक रुकता नहीं है लगातार उसके सिर पर वह उस नट बोल्ट कसने वाले टूल्स से हमला करते जाता है , बीच बचाव करने के लिए कोई नहीं आता है लोग अगल बगल से पास होते गुजरते दिखाई दे रहे थे। एक व्यक्ति हिम्मत करके उसे पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन वह रुकता नहीं है ।

आप लोगों को बता दें उस लड़के का नाम रोहित यादव है और लड़की का नाम आरती था। यह दोनों साथ में काम पर जा रहे थे तभी बीच रास्ते में उनके बीच में कुछ कहा सुनी हो गई थी झगड़ा हो गया था यह मामला अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह दोनों पहले से एक साथ रहते थे या संबंधों में थे ? अचानक से किसी बात को लेकर उनकी कहा सुनी हो गई थी लेकिन ज्यादातर संभावनाएं इसी बात की हैं , ऐसा नहीं हुआ होगा कि वह अचानक से लड़की से छेड़खानी किया, लड़की ने मना किया और वह आगबबूला होकर उसे मौत के घाट उतार दिया। यह तब हुआ होगा जब वह कुछ समय से इस तरह से सम्पर्क में रहे होंगे, संबंध में रहे होंगे, पति-पत्नी की तरह रहे होंगे या फिर कई दिनों से वह उसका पीछा कर रहा होगा और वह न उसका कहा मानती होगी ना ही सख्ती से विरोध जताई होगी, हो न हो उनके बीच विवाद घर पर हुआ होगा और फिर यह मामला सामने आया होगा ।

आज के तारीख में आप लोगों को बताना बहुत जरूरी है कि लोग बहुत वहशी हो चुके हैं लोगों के अंदर प्रेम की जो परिभाषा है वह बदल चुकी है, लोग किसी को प्रेम करते हैं तो उस प्रेम करने के पीछे पूरी तरह से एक पागलपन थेरेपी काम करती है जिसमें वह लोग एक दूसरे के शरीर पर ही नहीं बल्कि दिलों दिमाग पर भी कब्जा करना चाहते हैं। यही एक बड़ा कारण है आज की तारीख में इस तरह के अपराध होने का, जैसे मान लीजिए कोई लड़की – लड़का संबंधों में हैं और वह लड़की किसी से हंस-हंसकर यदि फोन पर बात कर रही है या फिर किसी अपरिचित व्यक्ति से अथवा अगल-बगल में पड़ोस के व्यक्ति से भी बात कर रही है तो उस आदमी को या उस लड़के को शक और संदेह होने लगता है जो उस लड़की का प्रेमी या पति है।उसे नहीं भी संदेह होगा तो अंदर ही अंदर वह जल भून उठता है और वह कहीं ना कहीं इस बात को बड़ा मसला बना देता है , मुद्दा बना देता है । जिस वजह से लड़ाईयां होती हैं, झगड़े होते हैं। लड़ाई झगड़े के दरमियान एक दूसरे के बीच में जो कलह पैदा होती है वह दूसरा रूप धारण कर लेती है।

अब वह बात उस शक और सुबहान से ऊपर उठकर कहीं दूसरा रूप ले लेती है, घर परिवार और तमाम पुरानी बातों को उठाया जाता है, एक दूसरे को कोसा जाता है। अपनी किस्मत पर रोया जाता है और फिर मामला बिगड़ता और बिगड़ता चला जाता है। यहां पर यदि संतुलन न बनाया जाए , अगर स्वयं को ना संभाला जाए तो हर बात में बम चल जाएगा। यह किस तरह का आलम होता है आप लोगों को सिर्फ इतना बताना जरूरी नहीं था , बल्कि यह भी अहसास कराना था कि वह लड़का जिसका नाम रोहित यादव था वह आरती को मार रहा था तो एक व्यक्ति उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था , रोहित ने अंतत: उस पर भी हमला कर दिया जिससे कि वह व्यक्ति सहम गया और किनारे खड़ा हो गया, अगर उसका साथ कुछ लोग दिए होते तो शायद आरती बच गई होती। खैर वह अकेला क्या करता ? उसे रोक न सका डर के मारे खड़ा होना वाजिब था बाकी लोग अपने काम से काम रखे हुए थे , आरती जब जमीन पर पड़ी थी उसका शरीर शिथिल पड़ा था तो रोहित वहां से यह अपराध करके भागा नहीं , क्योंकि उसके सिर पर ऐसे पाप सवार था कि वह लगभग 30 सेकंड में 15 से 20 बार उसके सिर पर वार किया फिर वह वहीं बैठकर उसकी लाश से न जाने क्या-क्या बड़बड़ाता रहा, बोलता रहा! कोसता रहा।महिला पुरुष अगल-बगल खड़े होकर तमाशा देखते रहे , पुलिस को इत्तिला किया गया , पुलिस आई, गिरफ्तार किया पूछताछ कर रही है।

आप लोगों को उसके अलावा जो बताना जरूरी है वह ये है कि किस तरह से एक युवक झांसी में अभी कुछ ही दिनों पहले एक युवती जो दुल्हन बनने जा रही थी, जिसने अपने हाथों में मेहंदी लगाई हुई थी, जो ब्यूटी पार्लर में सजने गई थी , उसकी बारात कुछ घंटे में ही मंडप में आने वाली थी कि तभी वहां पर उसे चाहने वाले एक प्रेमी ने जो उसके गांव का था, उसका पड़ोसी था जो यूं तो IAS की कहने को तैयारी भी कर रहा था, गांव वालों ने यह भी बताया कि वह पढ़ने में बड़ा होनहार और तेजतर्रार था। आप धमका , पार्लर में घुसा, साथ चलने को कहा, काजल ने ना कर दिया। वह उस अभागन काजल अहिरवार को इतना प्यार करता था कि उसने तय कर लिया कि वह उसकी ना हो सकी तो फिर किसी और की भी नहीं होगी । सीने में सीधे 2 गोलियां, कहानी खत्म। जी हां , वह दीपक अहिरवार था और यहां आप लोगों को बताना जरूरी है कि दीपक अहिरवार ने जिस लड़की को मारा उस लड़की का नाम काजल अहिरवार था । जिसे मौत के घाट उतारने के बाद वह लड़का खुद भी आखिर मर गया , आत्महत्या कर चुका है वह। उसने क्यों ऐसा किया यह सारी वारदातें बहुत लंबी दास्तां है, बहुत दुखद है।

कुल मिला-जुला कर यह जो कुछ भी होता है इन सब के बीच कारण एक ही होता है कि हम किसी को इतना चाहते हैं, इतना प्यार करते हैं कि उसके प्यार में पागल हो जाते हैं और यह पागलपन हम पर ही हावी हो जाता है , मोहब्बत की एक दूसरी परिभाषा जिसमें त्याग और कुर्बानी है उसे भूल कर सिर्फ हम स्वार्थ पर आ जाते हैं हम सामने वाले व्यक्ति से इतनी नफरत पाल लेते हैं कि जिसे कुछ समय पहले हम प्यार करते थे उसे ही मौत के घाट उतार देते हैं यही हुआ था दीपक अहिरवार ने काजल को जिस तरह से गोली मारी और उसके बाद वहां से भागा और जाकर उसने खुद भी आत्महत्या कर लिया, यह मुरैना जाकर जो झांसी से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है वहां जाकर 25 जून को एक काशीबाई धर्मशाला में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेता है। यह सारी बातें क्या दर्शाती हैं ?

यही ना कि आप किसी की चाहत में जान दे रहे हो , जान ले भी रहे हो , यह सिलसिला पुराना है मन मस्तिष्क से उभरने वाला खेल है।

झांसी की एक दूसरी घटना का भी चर्चा कर देना बहुत जरूरी है –

यहां पर एक युवती को सरे राह, बीच सड़क पर एक युवक पीटता नजर आया , उस युवती ने जो कहानी सुनाई वह बहुत खतरनाक और संदेहास्पद तथा संवेदनात्मक भी है। जी हां, वह लड़की जिसका नाम मोहिनी यादव है वह कहती है कि उसका पति शिवम यादव जिसने बीच राह में उसको पीटा था उससे मोहिनी ने 2 साल पहले लव मैरिज किया था लेकिन आखिर क्या हो गया कि 2 साल में ही इस लव मैरिज का अंत हो गया। दरअसल मोहिनी मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की रहने वाली है झांसी में रहकर एक निजी अस्पताल में रिसेप्शन पर जॉब करती थी, मोहिनी बताती है कि 3 साल पहले एक झगड़ा हो गया था इस झगड़े के दौरान शिवम से मुलाकात हुई थी , वह जो झगड़ा हुआ था उस झगड़े में शिवम यादव हीरो नजर आए थे। मोहिनी खुद हीरोइन बन गई थी और उसके बाद इसे प्यार हो गया था। इन दोनों ने एक दूसरे को अपना दिल और मोबाइल नंबर दोनों दे दिया, घंटों बातें होती रहती थीं, जाब छूट गया मगर ये साथ नहीं छूटा और जल्दी ही शादी विवाह तक बात चली गई , शिवम ने मोहिनी से शादी का भरोसा दिलाया और कहा कि हम दोनों रिलेशनशिप में रहेंगे।

कुछ समय बाद जून 2022 में इन दोनों ने आखिर मंदिर में शादी कर लिया मगर दोनों के घर वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था शिवम ने घर वालों से इसका विरोध करने पर कहा था कि मैं मोहिनी को बहुत अच्छे से रखूंगा, हम दोनों साथ रहेंगे लेकिन मोहिनी की मां ने शिवम के ऊपर केस दर्ज करा दिया था, लेकिन फिर भी मोहिनी कहती है कि मैं शिवम के साथ रहना चाहती थी। कुछ समय तक शिवम ने मुझे अच्छे से रखा लेकिन धीरे-धीरे उसकी कारगुजारियां सामने आने लगीं। शिवम का कई दूसरी लड़कियों से अफेयर्स हैं। शिवम बच्चा पैदा करना नहीं चाहता था जबकि मैं बच्चा पैदा करना चाहती थी, वो कहती है कि शिवम एक बार उसका अबॉर्शन करा चुका है । वह आगे बताती है कि मार्च 2023 में उसके पेट में बच्चा था जिसे पति गिरवाना चाहता था, जबकि उसने बच्चे को गिराने से मना कर दिया और कहा कि जब शादी कर ली है तो बच्चा पैदा करने में क्या दिक्कत है ? इस पर पति नाराज हो गया , आए दिन हो रहे झगड़े की वजह से 28 मार्च 2023 को ये दोनों अलग हो गए अब इनका लगभग 7 महीने का एक बच्चा है, बच्चे के साथ मोहिनी अकेली रहती है, मोहिनी ने बताया कि पति से अलग होने के बाद उसने नवाबाद थाना में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया , साथ ही खर्चे के लिए कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया ।
1 साल हो गया लेकिन नवाबाद पुलिस अब तक चार्जसीट पेश नहीं कर पाई है, वहीं 31 मई 2024 को उसके पति ने उसके साथ मारपीट की तब भी उसने केस दर्ज कराया था।
बाद में 25 जून 2024 को जब मोहिनी अपने बच्चे के लिए दूध लेने दुकान पर जा रही थी तो उसके पति शिवम ने फोन पर उसको गोली मारने की धमकी दी , इससे मोहिनी भी गुस्से में आकर उसके घर के पास पहुंच गई !

यहां पर देखिए मोहिनी की जो भूल है – इसको समझने की जरूरत है, उसके पति ने उसे फोन पर गोली मारने की धमकी दी। अब मोहिनी को धमकी जब मिली तो जरा सोचिए वह अपने बच्चे के लिए दूध लाने गई थी, अब वह दूध लाना भूल गई । इतनी जिद और इतने गुस्से में आ गई कि वह उसके घर के सामने पहुंच गई और ,”मार गोली, चल मार गोली!” कहने लगी ।

सोचिए कहीं गलती से भी इस बात को तुल देते हुए उसके पति के दिमाग में वहशीपन हावी हो जाता और सचमुच में वह जानलेवा हमला कर देता तो क्या होता ! खैर बौखलाए शिवम ने बीच सड़क में मोहिनी को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया, जिसका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया । वीडियो में दिख रहा है कि उसका पति किस तरह कोहनी से उसकी पीठ में मार रहा है, उसका बाल पकड़कर थप्पड़ों की बारिश कर रहा है और आसपास लोग तमाशबीन बने खड़े होकर देख रहे हैं , यह सारी चीज क्या दर्शाती है ? आज के तारीख में हम अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पा रहे हैं , हम इतने ज्यादा बौखला गए हैं, इतने ज्यादा तमतमा गए हैं कि हमें हमारे स्वार्थ ने, हमारे क्रोध ने या फिर जीतने की जिद्द ने बहुत ज्यादा पागल बना दिया है , सनकी और वहशी बना दिया है।

आखिर मोहिनी को क्यों नहीं याद आया कि उसका एक बच्चा है अगर उसे कुछ हो गया तो उस बच्चे को फिर कौन देखेगा ? इससे तो अच्छा वही था ना कि उस बच्चे को गिरा ही देना था, अब अगर जन्म दे ही दिया है तो उस बच्चे को बेहतर परवरिश देने के लिए उसे संघर्ष करना चाहिए।

पर ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा है, क्योंकि हम सब अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पा रहे हैं, अपने स्वार्थ में इतने बेकाबू हो गए हैं कि हम लड़ने से पीछे नहीं हट रहे हैं , चाहे उस लड़ाई का अंजाम कुछ भी हो हम मारे जाएं या हम ही कातिल बन जाएं, दोनों ही परिस्थितियों में उस बच्चे का क्या कसूर होगा जिसको पालने की जिम्मेदारी हम पर हो??

मोहिनी अगर शिवम को मार देती तो जेल जाती फिर भी उसका बच्चा उसके साथ नहीं रह पाता । सोचिए कितना दुखद पहलू है ! दुर्भाग्य है ना कि पति – पत्नी के इन चक्करों में , इन झगड़ों में बेगुनाह बच्चे पिसे जा रहे हैं , बेवजह सताए जा रहे हैं ! उनकी क्या ग़लती है इन मामलों में ? लेकिन पति-पत्नी एक दूसरे को काबू करने के चक्कर में खुद बेकाबू हो जा रहे हैं और रिश्तों को इतना ज्यादा बिगाड़ दे रहे हैं कि उसमें संभलने की कोई गुंजाइश बाकी ही नहीं बचती है। यही कारण है कि लोग यह लड़ाईयां – झगड़े हर दिन देख रहे हैं , हर कस्बे हर मोहल्ले में यह झगड़े हो रहे हैं । हर जिले में हो रहे हैं , हर घर में हो रहे हैं । अब क्या ये विवाद सिलसिलेवार चलते रहेंगे ??…
[4:32 PM, 6/28/2024] Ajay Sahani News Reporter: …….तो सुन लीजिए यह सिलसिला यहीं पर नहीं थमने वाला है इसलिए आपको बताना जरूरी है कि अभी एक और मामला बहुत ही बड़े पैमाने पर मुजफ्फरनगर में देखने को मिला क्या हुआ है यहां पर ? तो सुनिए – अरबाज जो नगर कोतवाली क्षेत्र के न्यूज़पूरा का रहने वाला है उसने 7 महीने पहले घर वालों को बिना बताए उत्तराखंड के कोटद्वार की रहने वाली एक लड़की जिसका नाम था चाहत मलिक, उससे लव मैरिज कर लिया था । उसने कहा कि शादी के बाद वह घर वालों को छोड़कर किराए का मकान बदल – बदल कर अपनी पत्नी के साथ रहता था । चाहत मलिक बहुत खर्चीली लड़की थी । यानी जिससे वह शादी किया था शादी के पहले इसको समझ नहीं पाया कि वह लड़की खर्चीली है। उसके खर्च लगातार बढ़ते जा रहे थे इस बात को लेकर रोज उससे झगड़ा होता था। वह कहता है कि यह बात उसने न्यूज़पूरा में रहने वाले अपने दोस्त शाहरुख को बताया था। ऐसा वह बोल रहा है लेकिन उसने कांड क्या किया है यह आप सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे यह हैरान कर देने वाली घटना इसलिए है कि पत्नी के खर्चीले स्वभाव से परेशान पति ने उसकी हत्या कर दी, शव के टुकड़े किए बोरे में भरकर काली नदी में फेंक दिया थोड़ी दूर जाने के बाद शव जलकुंभी में फंस गया , पति जलकुंभी हटने लगा तभी मुखबीर की सूचना पर पुलिस पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया जब सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने जुर्म कबूल करते हुए बोला , “मेरी पत्नी खर्चा बहुत करती थी, मेरी कमाई इतनी नहीं थी रोज-रोज झगड़े होते थे इसलिए छुटकारा पाने के लिए उसे मार डाला ।”

यह सारी कहानियां जो चल रही हैं यह देश और प्रदेश के कोने-कोने में चल रही हैं और यह सारी वारदातें बहुत तकलीफ दे रही हैं। कुल मिलाजुला कर यह सारे लोग, जो लोग इस तरह के अपराध कर रहे हैं उन लोगों ने जो कांड किया है वह जब अपने जीवन में झांक कर देखेंगे तो उन्हें कभी तो लगेगा कि इससे बचा जा सकता था और यह बहुत आसान था लेकिन लोगों के जो दिल दिमाग और सोच है वह इतना ज्यादा गुस्से और नफरत से भर जा रहा है कि निर्णय लेना मुश्किल हो जा रहा है ।

कैसे बचें इन सब अपराधों से

तो पहले प्रश्न यह उठना चाहिए
क्यों बढ़ रही हैं इस तरह की घटनाएं दिन-ब-दिन तो इस संबंध में आप लोगों को बताना बहुत जरूरी है कि सबसे बड़ा इसमें कारण है लोगों के बीच असंतोष की भावना , लोगों को खुद से ज्यादा दूसरों पर भरोसा करने की आदत । अपने आप को भूल कर किसी और को अपनी जिंदगी बनाने की सोच । यह सारे कारण बन रहे हैं , जैसे आप खुद को किसी के हाथों में इतना ज्यादा समर्पित कर दे रहे हैं कि आप अपना वजूद ही भूल जा रहे हैं कि आप कौन हैं ? अपने आप को पहचान नहीं पा रहे हैं , ब्रह्मांड की सारी शक्ति आप में निहित है इस बात से ध्यान हटाकर आप दूसरों में अपना कैरियर ढूंढने लगते हैं। यह सारी बातें जब किसी और के द्वारा पूरे किए जाने वाले सपनों से जुड़ जाती हैं, जब आपकी उम्मीदें किसी और के आंखों से ख्वाब देखने लगती हैं , जब आप अपनी मंजिल किसी और के कंधे पर सवार हो कर पाना चाहते हैं तो याद रखना जब कभी भी उसमें जरा सी भी गड़बड़ी होगी तो आपके सारे सपने चकनाचूर होते दिखाई देने लगते हैं, सारी उम्मीदें टूटती नजर आती हैं और सारे ख्वाब बिखरते नजर आते हैं, जिससे आप डर जाते हैं, घबरा जाते हैं। रोते हैं चिखते हैं, चिल्लाते हैं, खुद को या दूसरों को दोष देते हैं। बंद कीजिए ये!
ख्वाब छोटा ही सही, अपने दम पर देखा जाए लेकिन अगर दूसरों के दम पर देखना ही है तो उसे पूरा करने की आजादी भी दी जाए, भरोसा और सहयोग भी दिया जाए फिर भी यदि कहीं सपना टूटा तो सिर्फ उसे दोष न दिया जाए। कुछ तो कुसूर अपना भी था ये सोचा जाए।

चाहत का पैमाना इतना भी भरा नहीं होना चाहिए, चाहत के पैमाने में सबसे बड़ा जो अहम रोल होता है वह रोल दिल का है, जब मामला दिल से जुड़ा होता है वो भी तब जब आपका दिल ऐसे एक स्थिति में आ गया है जिसमें आप किसी को एक तरफा इतना प्यार करते हैं और चाहते हैं कि उसे दूसरा कोई भी प्यार न करे, उसे कोई देखने भी न पाये , ये पागलपन नहीं तो क्या है ??

ऐसा हो ही नहीं सकता है यह दुनियां है, यह समाज है‌। यह होता आया है, होता रहेगा। कि आप ने जिसे प्यार किया है, चाहा है उसमें कुछ तो खास रहा होगा जिस पर औरों की भी नजर पड़ सकती है, दूसरे लोग भी उसे चाह सकते हैं अब वो आपको भुला कर, आपसे धोखा करके दूसरों की चाहत में भी तो पड़ सकती है या पड़ सकता है, जब आपके चक्कर में पड़ा था तो , या पड़ी थी तो !
अतः आप को संतुलन बनाना होगा , रिश्तों की मर्यादा समझनी होगी, रिश्तों की गहराई नहीं नापनी होगी और आपको अपने महत्व को , सेल्फ रिस्पेक्ट को समझना होगा आपको अपने आप से सबसे पहले प्रेम करना होगा, आपका शरीर , आपका मन , आपका दिमाग कितना ज्यादा खूबसूरत है इसे पहचानना होगा वरना यह अपराध अक्सर होते रहेंगे जब आप अपने आप से नफरत करेंगे , जब आप अपने आप से गुस्सा करेंगे, जब आप स्वयं को नीच समझेंगे, अपने आप को दुनियां का बोझ समझने लगेंगे तो फिर आप तमाम ऊलजुलूल अपराधों में लिप्त हो सकते हैं आपको ऐसा नहीं करना है यह सबसे पहला काम है।

कैसे रोकें ऐसे अपराध होने से

इस तरह के अपराध का शिकार होने से कैसे बचें या रोकें अपराध होने से ! तो इस पर सबसे बड़ी बात यह होनी चाहिए कि ऐसे अपराध से आपको बचाने व बचने के लिए साफ सुथरी बात होनी चाहिए कि आपको जब भी लगता है कि आपने जिसे प्यार किया था वह आपके प्यार की कदर नहीं समझा या फिर वह कहीं आपको धोखा दे रहा है , कहीं आपको परेशानी दे रहा है आपको वह पहले वाली वैल्यू नहीं दे रहा है , आपने लव मैरिज किया तो लव की परिभाषा जब बदलती है यानी प्यार के रिश्ते का जब नाम बदलता है तो फिर यह स्थितियां पैदा होती हैं आप लोगों को यह जानना जरूरी है , “प्यार को प्यार रहने दो कोई नाम ना दो”

उपरोक्त ये पंक्तियां आप याद करेंगे तो बात समझ में आ जाएगी, प्यार अलग होता है रिश्तों में अलग-अलग रिश्ते होते हैं पति-पत्नी का रिश्ता , प्रेमी – प्रेमिका का रिश्ता , भाई – बहन का रिश्ता , मां – बेटे का रिश्ता ! यह रिश्तों की अलग-अलग गरिमा है आप जब किसी से प्रेम करते हैं और वह सच्चा प्रेम है तो उस प्रेम में कोई स्वार्थ हो ही नहीं सकता है। क्योंकि आप उदाहरण के रूप में देखेंगे तो एक लड़की जो अपने माता-पिता के पैसे पर पल बढ़ रही होती है , पढ़ लिख रही होती है , कपड़े पहन रही होती है या जैसे भी रह रही होती है वह जब किसी से प्यार करती है तो उस पर सब कुछ निछावर करना चाहती है, ना कि उससे वह कुछ भी पाना चाहती है ! ठीक वही बात लड़कों के साथ भी होता है, जब वह किसी लड़की से प्यार करते हैं तो वह चाहे अपने आप से या अपने बाप से मिले पैसे अथवा अपने मां से लिए हुए खर्चे से ऐश करते हैं, बाइक पर लड़कियों को घुमाते हैं अय्याशियां करते हैं , लेकिन जैसे ही वे और मेच्योर होते हैं या नहीं लेकिन जब उस लड़की या लड़के से शादी कर लेते हैं तो शायद ही हो कि उनका परिवार उनके साथ खड़ा हो या फिर ऐसा भी हो कि उनका परिवार उन्हें छोड़ दे , अब वो लड़का उस लड़की के प्रति एक पति के रूप में जिम्मेदार होता है , जवाबदेय होता है, जबकि वह जिम्मेदारियां निभाने उनको पहले से तो आ नहीं रही थी और अब जब वे एक नए रिश्ते में बढ़ते हैं तो कठिनाईयों का सामना होता है, खुद पर क्रोध और पछतावा भी हो सकता है, अपने फैसले गलत लग सकते हैं तो सबसे पहले इन रिश्ते आदि बनाने के विचारों से ही बचना चाहिए, जिसका नाम प्रेमी – प्रेमिका या पति – पत्नी है यदि इस रिश्ते को ठीक से आप समझ नहीं पा रहे हैं या हजम नहीं कर पा रहे हैं तब की बात हम कर रहे हैं। क्योंकि जब पति से एक पत्नी के रूप में वही लड़की कोई डिमांड करती है तो उस पति रूपी शख्स का खून खौलने लगता है यदि वह उसे पूरी करने में असमर्थ है या परेशानियां महसूस कर रहा है तब। बाकी जो सक्षम हैं वो तो मौज करते हैं, खुश रहते हैं शायद।
अब अगर वो जोड़ा हैरान परेशान परिवार से आता है तो भईया उस रिश्ते की परिभाषा चूंकि बदल गयी है तो जाहिर सी बात है कि वह लड़की , वो नहीं रही जिससे उस लड़के ने प्यार किया था , वह उसकी पत्नी हो चुकी है , तो उससे अब एक पत्नी अपने हक और अधिकार की मांग ही तो कर रही है इसमें गलत ही क्या है ??

दरअसल हक अधिकार भी कभी-कभी कुछ लोगों को छीनकर लेने में मजा आने लगता है, डिमांड इतना ज्यादा हो जाता है कि उनका जीवन साथी शायद बर्दाश्त ही ना कर पाए , उसकी औकात ही ना हो उसको पूरा करने का तो खीझेगा ही।

अब यहां पर बात हो रही है कि कैसे बचें इन चीजों से , इन बातों से तो सबसे गहरी बात यही है कि ऐसे में आप अपने रिश्तों की परिभाषा को बदलने के पहले 100 बार सोचें, आप किसी से प्यार करते हैं तो क्या सचमुच में आपको शादी करने के योग्य वह लड़की या वह लड़का है ??
और फिर उसके परिवार के बारे में भी सोचें क्योंकि शादी विवाह का रिश्ता एक लड़की और एक लड़के का रिश्ता नहीं होता है बल्कि वह दो परिवारों का रिश्ता होता है उसमें एक सास – बहू का भी रिश्ता जुड़ा है , एक ननद – भाभी का भी रिश्ता बनता है , एक देवर भी मिलता है जो आपको भाभी बुलाता है , यह तमाम रिश्ते जुड़ जाते हैं , मौसी और बुआ जी , मामी जी , फूफा जी यहां सब लोगों के साथ रिश्ते आपको निभाना होता है। एक भरा पूरा पैकेज मिल जाता है, इस पूरे पैकेज को या सारे दायित्वों का निर्वहन करना आसान नहीं होता है और यहीं से खलबली मचती है, यहीं से समस्याएं शुरू होती हैं तो आपको क्या करना होगा ?

१). सबसे पहले रिश्तों में बदलाव जो लाना है उस पर विचार करना होगा और अगर विचार कर ही लिया है या फिर वह विचार करने पर तुल ही गए हो तो फिर जो भी करो निस्वार्थ भाव से करो ।

२). आपको उस शख्स की मानसिकता को समझना होगा कि यह कितना गुस्से वाला है, या कितने धैर्य वाली है, उसके अनुशार आपको उसके किसी कार्य या बातों पर प्रतिक्रिया देनी होगी ।

३). आप उसके चंगुल में अगर फंस गई हो और आपका पति बहुत ज्यादा क्रोध करने वाला है , अगर आप उसकी बातों को नहीं मानोगे या फिर आप समझ चुके हो कि यह बहुत ज्यादा परेशान है तो आप उसको गुस्सा मत दिलाओ । सही तरीका तलाशो इस झंझावात से निकलने का।

४). आप उसके साथ लड़ाईयां झगड़ा करने से बचो । आपको अगर उससे इंसाफ चाहिए , उसके साथ हिसाब किताब लेना है , उसको हर हाल में हराना है तो आपको समय रहते सही समय पर झगड़ा लड़ाई किए बगैर पुलिस कोर्ट आदि का सहयोग लेना चाहिए ।

५). रिश्तेदारियों में आप अपने जो करीबी रिश्ते नाते हैं उनसे बात करनी चाहिए और इस रिश्ते में कहीं ना कहीं सुलह समझौते की गुंजाइश हो तो उसे संभालने की कोशिश करनी चाहिए।

६). यदि एक दूसरे को प्यार से मनाया जा सकता है तो फिर से एक दूसरे को हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए, अपने खोए हुए प्यार को पाने के लिए एक प्रयास करना चाहिए। क्योंकि एक बार कोई रिश्ता टूटता है तो जरूरी नहीं है कि इसके बाद इससे बेहतर रिश्ता मिल जाए, हो सकता है इससे बहुत बुरा हाल हो। इसलिए तुरंत तोड़ने का प्रयास ना करो जी। जोड़ने का प्रयास ज्यादा हो।

७). फिर भी अगर यह सारी चीज नहीं हो पाती है तो बड़े शांतिमय तरीके से , बड़े ही सौम्यता से आपको उस रिश्ते को खत्म करने का भी प्रयास करना चाहिए वरना आपके जीवन में अपराधों की झड़ी लग सकती है । लेकिन याद रहे कि वहां से ज़िन्दगी में दूसरी समस्याएं या उत्थान कुछ भी मिल सकता है। जिसको सहने के लिए तैयार रहना चाहिए।

८). आप स्वयं अपराधी बन सकती हैं या फिर आपको ही शिकार बनाया जा सकता है । आप सुसाइड कर सकते हैं या आप किसी की जान भी ले सकते हैं । तो इन चीजों से खुद को बचाना है तो बड़े समझदारी अथवा ठंडे दिमाग से, संवैधानिक तरीके से हर स्थिति को समझकर आपको समय रहते निर्णय ले लेना चाहिए यह बहुत जरूरी है।

बाकी आप पढ़ते रहिये, ऐसे ही खबरों के माध्यम से जीवन बदलने वाले रोचक तथ्य, जो आपको जागरूक करते रहेंगे, सचेत करते रहेंगे, जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करते रहेंगे। हम लेकर आते रहेंगे, जब तक अंगुलियां कीपैड पर कार्य करती रहेंगी, जब तक आंखें चश्मे का साथ देती रहेंगी, जब तक मस्तिष्क सोचने की शक्ति प्रदान करता रहेगा। तब तक….

जय जयकार जारी रहेगी !
जय हिन्द! जय भारत!!
लभ यू इंडिया !!!

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