इस मिशन में सुनीता और बुच अकेले नहीं थे। उनके साथ बाद में शामिल हुए निक हेग नाम के एक और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिनकी हंसी और ऊर्जा ने आईएसएस के माहौल को हल्का रखा, और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव, जिनका तकनीकी ज्ञान और धैर्य इस टीम की रीढ़ बना। ये चारों एक परिवार की तरह बने, जो अंतरिक्ष की कठिनाइयों का सामना करते हुए भी एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते रहे। सुनीता ने दीवाली जैसे त्योहारों को अंतरिक्ष में मनाया, अपनी भारतीय संस्कृति को याद करते हुए श्री मद्भागवत गीता और उपनिषदों से प्रेरणा ली।

जब बोइंग स्टारलाइनर की वापसी संभव नहीं हुई, तो नासा ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को यह जिम्मेदारी सौंपी। स्पेसएक्स, जिसका नाम आज विज्ञान और नवाचार का पर्याय बन चुका है, ने अपने ड्रैगन अंतरिक्ष यान को तैयार किये। यह वही कंपनी है जिसने विगत वर्षो में फाल्कन-9 रॉकेट से अंतरिक्ष यात्रा को नए आयाम दिए थे और बूस्टर रॉकेट को हवा में “पकड़ने” जैसा चमत्कार कर दिखाया था।
17 मार्च 2025 को, क्रू-9 मिशन के तहत ड्रैगन यान आईएसएस पहुंचा, जिसमें सुनीता और उनके तीनों साथियों के लिए जगह थी।
19 मार्च 2025 को, लगभग सत्रह घंटे की यात्रा के बाद, यह यान रात 3.27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरा। वह दृश्य अविस्मरणीय था—चार पैराशूट्स के साथ धीरे-धीरे नीचे आता हुआ ड्रैगन, समुद्र की लहरों पर थमता हुआ, और फिर चार अंतरिक्ष यात्रियों का बाहर निकलना। सुनीता की मुस्कान, बुच का शांत संतोष, निक की उत्साहित लहर, और अलेक्जेंडर का गर्व यह सब उस विजय का प्रतीक था जो मानवता ने हासिल की है।

सुनीता विलियम्स का धरती पर लौटना वाकई एक पुनर्जन्म जैसा ही लगता है। नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, जहां गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति ने उनके शरीर को कमजोर किया, जहां हर दिन एक नई चुनौती थी, वहां आज उनकी वापसी एक चमत्कार से कम नहीं है। स्पेसएक्स ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, और इसके पीछे थे वे महान वैज्ञानिक और इंजीनियर, जिन्होंने ऐसे यान बनाए जो अंतरिक्ष के रहस्यों को खोल सकें।

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