अन्ना हजारे महाराष्ट्र न्यूज़
अन्ना हजारे महाराष्ट्र न्यूज़ अन्ना हजारे की चेतावनी के अगले दिन महाराष्ट्र विधानसभा से मिली मंजूरी। जानें क्या है पूरा मामला और किस बड़े फैसले को मिली हरी झंडी। ताजा अपडेट यहाँ पढ़ें।
अन्ना हजारे महाराष्ट्र न्यूज़: अन्ना का अल्टीमेटम सरकार हिली, भ्रष्टाचार पर तलवार चलेगी!

#अन्ना हजारे की चेतावनी ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकायुक्त कानून लागू न होने पर 30 जनवरी 2026 से आमरण अनशन की घोषणा की, जिसके ठीक अगले दिन विधानसभा ने बड़ा कदम उठाया।
अन्ना हजारे की चेतावनी का पूरा ब्योरा
समाजसेवी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर साफ चेतावनी दी कि यदि लोकायुक्त कानून तुरंत लागू नहीं किया गया तो वे रालेगण सिद्धि में अंतिम सांस तक अनशन करेंगे। यह कानून भ्रष्टाचार रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें मुख्यमंत्री और मंत्री जैसे वरिष्ठ अधिकारी आते हैं। हजारे ने कहा कि यह उनकी आखिरी लड़ाई होगी, क्योंकि 2011 के आंदोलन के बाद भी महाराष्ट्र में सशक्त लोकायुक्त नहीं बना।
विधानसभा का ऐतिहासिक फैसला
अन्ना हजारे की चेतावनी के अगले ही दिन महाराष्ट्र विधानसभा ने ‘महाराष्ट्र लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2025’ पारित कर दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पुराने लोकायुक्त की नियुक्ति रद्द करने और नए सशक्त कानून को लागू करने का प्रावधान है। यह विधेयक विधान परिषद से भी पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है, जिससे अब जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।
लोकायुक्त कानून की पृष्ठभूमि
लोकायुक्त विधेयक को 28 दिसंबर 2022 को विधानसभा और 15 दिसंबर 2023 को विधान परिषद ने पारित किया था। हालांकि, दो साल से अधिक समय बीतने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया, जिस पर अन्ना हजारे ने सात पत्र लिखे। 2013 के लोकपाल-लोकायुक्त कानून के तहत राज्य स्तर पर भी सख्ती जरूरी है, लेकिन महाराष्ट्र में देरी बनी रही। नए संशोधन से मौजूदा लोकायुक्त का कार्यकाल समाप्त होगा, लेकिन प्रशासनिक खालीपन न हो इसके लिए संक्रमणकालीन व्यवस्था है।
अन्ना हजारे के पिछले आंदोलनों का प्रभाव
- 2011 में अन्ना हजारे का रामलीला मैदान अनशन भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन बन गया,
- जिससे लोकपाल विधेयक बना और दिल्ली में कांग्रेस की विदाई हुई।
- 2022 में भी उन्होंने रालेगण सिद्धि में अनशन किया, जिसके बाद फडणवीस ने समिति गठित की।
- अबकी बार उनकी चेतावनी इतनी प्रभावी साबित हुई कि सरकार ने तुरंत विधेयक पारित कराया।
- फडणवीस ने हजारे से फोन पर बात की और आश्वासन दिया कि तीन महीने में कानून लागू हो जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और भविष्य की संभावनाएं
- इस फैसले से महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर भ्रष्टाचार विरोधी छवि मजबूत हुई है।
- विपक्ष ने इसे अन्ना हजारे के दबाव का नतीजा बताया,
- जबकि भाजापा ने इसे अपनी प्रतिबद्धता कहा।
- अब सवाल है कि कानून कब से अमल में आएगा – सरकार का दावा है कि जल्द ही।
- अन्ना हजारे शुक्रवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
- यह घटना लोकतंत्र में नागरिक आंदोलनों की ताकत दिखाती है।
भ्रष्टाचार मुक्त महाराष्ट्र की ओर कदम
- यह फैसला महाराष्ट्र में पारदर्शिता बढ़ाएगा,
- क्योंकि लोकायुक्त सीएम से लेकर मंत्रियों तक की जांच कर सकेगा।
- अन्ना हजारे जैसे कार्यकर्ताओं के संघर्ष से ही सत्ता जवाबदेह बनती है।
