भारतीय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर : भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे में तेजी से बदलाव आ रहा है। 16 दिसंबर 2025 को इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी SEPC लिमिटेड को अजमेर-चांदेरिया रेल डबलिंग प्रोजेक्ट के तहत 269.69 करोड़ रुपये का सबकॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह ऑर्डर विष्णु प्रकाश आर पुनगलिया लिमिटेड (VPRPL) द्वारा VPRPL-SBEL जॉइंट वेंचर (JV) के हिस्से के रूप में दिया गया है। SEPC इस JV के नियंत्रण और पर्यवेक्षण में काम करेगी, जो उत्तर पश्चिमी रेलवे (NWR) के अजमेर डिवीजन के लेटर ऑफ अवॉर्ड के अनुरूप है। यह प्रोजेक्ट न केवल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि रेलवे की क्षमता वृद्धि कार्यक्रम को गति देगा।
SEPC लिमिटेड: इंजीनियरिंग सेक्टर की मजबूत खिलाड़ी
SEPC लिमिटेड एक प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी है, जो परिवहन बुनियादी ढांचे पर फोकस करती है। कंपनी ने रेलवे, हाईवे और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। यह सबकॉन्ट्रैक्ट SEPC के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो कंपनी के पोर्टफोलियो को और मजबूत करेगा। SEPC के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटरामणि जयगनेश ने कहा, “रेलवे कंपनी के लिए एक प्रमुख फोकस क्षेत्र बना हुआ है, और उत्तर पश्चिमी रेलवे के तहत इस प्रोजेक्ट को निष्पादित करने की हमारी भूमिका हमारे परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो को और मजबूत करती है।” यह बयान कंपनी की रेलवे क्षेत्र में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

SEPC ने हाल के वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट्स हासिल किए हैं, जो इसकी तकनीकी विशेषज्ञता और समयबद्ध डिलीवरी को प्रमाणित करते हैं। 269.69 करोड़ का यह ऑर्डर कंपनी के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि लाएगा और स्टॉक मार्केट में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। निवेशकों के लिए यह खबर आकर्षक है, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सरकारी खर्च बढ़ रहा है।
अजमेर-चांदेरिया रेल डबलिंग प्रोजेक्ट: क्या है खास?
यह प्रोजेक्ट उत्तर पश्चिमी रेलवे के क्षमता विस्तार कार्यक्रम का हिस्सा है, जो भारतीय रेलवे की समग्र क्षमता वृद्धि पहल से जुड़ा है। मुख्य रूप से मांडपिया से चांदेरिया सेक्शन पर फोकस करते हुए, यह डबलिंग प्रोजेक्ट ट्रैक को दोहरी लाइन में बदलने का काम करेगा। इससे यात्री और मालगाड़ियों की आवाजाही तेज और सुरक्षित हो जाएगी। राजस्थान के महत्वपूर्ण रूट पर स्थित यह प्रोजेक्ट, दिल्ली-मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों को जोड़ने में सहायक होगा।
प्रोजेक्ट की रणनीतिक महत्वता को समझें तो यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा। चांदेरिया खनिज संसाधनों का केंद्र है, जहां से सीमेंट और अन्य उद्योगों के लिए माल ढुलाई होती है। डबलिंग से कंजेशन कम होगा, समय की बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक 100% विद्युतीकरण और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर विकसित करना है, और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक कदम है।
सबकॉन्ट्रैक्ट का दायरा: विस्तृत कार्यक्षेत्र
सबकॉन्ट्रैक्ट के तहत SEPC को कई जटिल कार्य सौंपे गए हैं। मुख्य रूप से फॉर्मेशन और सिविल वर्क्स शामिल हैं, जैसे:
- अर्थवर्क (मिट्टी का काम)।
- प्रमुख और लघु पुलों का निर्माण।
- रोड अंडर ब्रिज (RUB), लिमिटेड हाइट सबवे (LHS), फुट ओवर ब्रिज (FOB)।
- रिटेनिंग स्ट्रक्चर्स, स्टेशन भवन, प्लेटफॉर्म, स्टाफ क्वार्टर्स और संबद्ध सुविधाएं।
इसके अलावा, परमानेंट वे वर्क्स में बालास्ट की आपूर्ति और परिवहन, ब्रॉड-गेज ट्रैक की लेयरिंग और लिंकिंग, विद्युत कार्य और अन्य विविध कार्य शामिल हैं। यह सब JV के पर्यवेक्षण में पूरा होगा, जो गुणवत्ता और समयसीमा सुनिश्चित करेगा। अनुमानित लागत 269.69 करोड़ रुपये है, जो प्रोजेक्ट की विशालता को दर्शाता है।
भारतीय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर: विकास की नई लहर
- भारतीय रेलवे पिछले कुछ वर्षों से अभूतपूर्व निवेश कर रहा है। बजट 2025-26 में रेलवे के लिए 2.65 लाख करोड़
- रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें डबलिंग, ट्रिपलिंग और नई लाइनों पर फोकस है।
- अजमेर-चांदेरिया जैसे प्रोजेक्ट्स देश के ‘अमृत भारत स्टेशन स्कीम’ और ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ से जुड़े हैं।
- इससे रोजगार सृजन होगा – हजारों मजदूरों, इंजीनियरों को काम मिलेगा।
- पर्यावरणीय दृष्टि से, डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर शिफ्ट से प्रदूषण कम होगा।
SEPC जैसे कंपनियों के लिए यह अवसरों का खजाना है। सबकॉन्ट्रैक्ट्स से छोटी-मध्यम कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट्स में भाग ले सकती हैं, जो विविधता बढ़ाता है। हालांकि, चुनौतियां भी हैं – जैसे मौसमी बाधाएं, भूमि अधिग्रहण और फंडिंग देरी। लेकिन SEPC की ट्रैक रिकॉर्ड से लगता है कि यह सुचारू रूप से पूरा होगा।
भविष्य की संभावनाएं: SEPC और रेलवे के लिए क्या?
- यह ऑर्डर SEPC को नए टेंडर्स के लिए मजबूत बनाएगा। कंपनी का ऑर्डर बुक बढ़ेगा
- जो लाभप्रदता में सुधार लाएगा। रेलवे क्षेत्र में SEPC की स्थिति मजबूत हो जाएगी
- और निवेशक आकर्षित होंगे। कुल मिलाकर, यह प्रोजेक्ट ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को सपोर्ट करेगा, जहां रेलवे रीढ़ बनेगी।
