पाक पीएम पुतिन मीटिंग गेटक्रैश : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की क्लोज्ड-डोर मीटिंग गेटक्रैश की खबर हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। इस दावे को लेकर कई सवाल उठे कि क्या सच में शहबाज़ शरीफ़ ने पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की महत्वपूर्ण बैठक में अनधिकृत रूप से दाखिल होकर बैठक में बाधा डाली? इस ब्लॉग पोस्ट में इस वायरल दावे का विस्तार से फैक्ट चेक किया गया है।
पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ़ की पुतिन से मुलाकात का सच
हालांकि वीडियो में शहबाज़ शरीफ़ को पुतिन-एर्दोगन की बैठक में घुसते देखा गया, लेकिन यह घटना नजर आने वाले गेटक्रैशिंग जैसा नहीं था। शहबाज़ शरीफ़ तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के लिए पहुंचे थे। लेकिन पुतिन से मिलने में लगभग 40 मिनट की देरी हुई, जिसके चलते पीएम ने प्रतीक्षा करते हुए बातचीत की कोशिश की। इस दौरान शहबाज़ ने पुतिन और एर्दोगन की क्लोज्ड-डोर बैठक में प्रवेश किया लेकिन इसका उद्देश्य बातचीत करना था, न कि बैठक को बाधित करना।

क्लोज्ड-डोर बैठक में वायरल घटना का फैक्ट चेक
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखकर कई लोगों ने इसे गेटक्रैशिंग के रूप में देखा, परंतु सच्चाई
- कुछ अलग है। रूस के आधिकारिक सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की कि शहबाज़ ने
- किसी मीटिंग में बाधा डाली हो। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस घटना को शहबाज़ शरीफ़ के इंतजार
- खत्म होने के बाद की गई बातचीत के रूप में दिखाया गया, जो प्रोटोकॉल के विरुद्ध नहीं थी।
- कई न्यूज एजेंसियों ने बताया कि शहबाज़ ने पुतिन और एर्दोगन से क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की।
क्या शहबाज़ शरीफ़ ने पुतिन की बैठक गेटक्रैश की?
इस घटना को सोशल मीडिया पर गेटक्रैशिंग बताना सही नहीं होगा। गेटक्रैश का मतलब बिना अनुमति किसी कार्यक्रम या बैठक में शामिल होना होता है, जबकि शहबाज़ शरीफ़ उसी कार्यक्रम के भागीदार थे और उनकी पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात पहले से तय थी। केवल बैठक शुरू होने में हुई देरी के कारण उन्होंने अपनी बातचीत के प्रयास में यह कदम उठाया। इसलिए इसे कूटनीतिक तौर पर गलत समझना सही नहीं होगा।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का असली मतलब
वीडियो में प्रतीक्षा के बाद शहबाज़ शरीफ़ का पुतिन-एर्दोगन बैठक में जाना एक संवाद का हिस्सा था, न कि किसी तरह की गेटक्रैशिंग घटना। वायरल होने वाले कई वीडियो क्लिप्स ने इस घटना को अतिरंजित और भ्रामक तरीके से पेश किया, जिससे फैंस और आम जनता के बीच गलतफहमी पैदा हुई। कुछ मीडिया हाउस ने इस वीडियो को गलत रूप में प्रदर्शित किया, जिसके कारण यह विवाद बढ़ गया।
रूस-पाकिस्तान कूटनीतिक संबंधों पर प्रभाव
- यह घटना पाकिस्तान-रूस संबंधों में अस्थायी आलोचना का कारण बनी, पर इससे दोनों देशों के बीच
- दीर्घकालीन संबंध प्रभावित नहीं हुए। शहबाज़ शरीफ़ और पुतिन के बीच 2025 के अन्य अवसरों
- पर भी सकारात्मक रिश्ते देखे गए हैं, जैसे कि चीन में हुई उनकी पिछली बैठकें। यह घटना केवल
- एक संवादात्मक अंतराल थी, न कि किसी कूटनीतिक झगड़े का संकेत।
वायरल दावे की हकीकत: अफवाह या तथ्य?
कुल मिलाकर, यह वायरल दावा कि पाकिस्तानी पीएम ने पुतिन की क्लोज्ड-डोर बैठक को “गेटक्रैश” किया, सही नहीं है। यह अधिकतर सोशल मीडिया की तेज गति से फैलने वाली अफवाओं और वीडियो क्लिप के गलत संदर्भ के कारण हुआ। इसे शहबाज़ शरीफ़ का बातचीत और संपर्क बनाने का प्रयास माना जाना चाहिए।
