यतिंद्र सिद्धरमैया
यतिंद्र सिद्धरमैया कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धरमैया के बेटे यतिंद्र सिद्धरमैया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पिता मौजूदा कार्यकाल के 5 साल पूरे करेंगे और कोई संकट नहीं आएगा। देखें पूरा बयान।

#यतिंद्र सिद्धरमैया का बड़ा बयान
कर्नाटक की सियासत में पिछले कुछ दिनों से एक सवाल बार-बार गूंज रहा है – क्या सिद्धरमैया पूरा कार्यकाल मुख्यमंत्री रह पाएंगे?
कांग्रेस हाईकमान के भीतर कथित असंतोष, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की बढ़ती बेचैनी और कुछ नेताओं के खुले-बंद
बयानों ने इस चर्चा को हवा दी थी। लेकिन अब इस पूरे विवाद पर मानो विराम लग गया है।
खुद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बेटे और वरुणा से पूर्व विधायक डॉ. यतिंद्र सिद्धरमैया ने साफ-साफ शब्दों में कहा है –
“मुझे पूरा यकीन है कि मेरे पिता 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।”
यह बयान कोई साधारण बयान नहीं है। यह एक बेटे का अपने पिता पर विश्वास भी है और कर्नाटक कांग्रेस के भीतर चल रहे
अंतर्कलह को शांत करने की बड़ी कोशिश भी। यतिंद्र ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“जो लोग अफवाह फैला रहे हैं कि 2.5-2.5 साल का फॉर्मूला लागू होगा, वे कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं।
मेरे पिताजी को जनता ने 5 साल के लिए चुना है और वे 5 साल पूरे करेंगे। हाईकमान का भी पूरा समर्थन उनके साथ है।”
आखिर यतिंद्र को इतना यकीन क्यों है?
- सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भरोसा यतिंद्र ने खुलासा किया कि हाल ही में दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी
- से उनकी लंबी मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं ने सिद्धरमैया के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि वे कर्नाटक
- में स्थिर सरकार चाहते हैं। यतिंद्र के मुताबिक, “सोनिया मैम ने खुद कहा कि
- सिद्धरमैया जी जिस तरह राज्य चला रहे हैं, उससे हम संतुष्ट हैं।”
- 5 गारंटी योजनाओं का जादू अभी बाकी है कांग्रेस की पांच गारंटी योजनाएं –
- गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, युवा निधि और शक्ति योजना –
- अभी भी जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। यतिंद्र का मानना है कि इन योजनाओं को पूरी तरह लागू करने
- में अभी 3-4 साल लगेंगे। अगर बीच में नेतृत्व बदलता है तो इन योजनाओं पर असर पड़ेगा
- और इसका नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ेगा।
- डीके शिवकुमार भी अब खेमेबाजी से पीछे हटे पहले डीके शिवकुमार के समर्थक खुलकर 2025 में सत्ता हस्तांतरण
- की बात कर रहे थे, लेकिन पिछले एक महीने में डीके शिवकुमार का तेवर बदला हुआ नजर आ रहा है।
- वे बार-बार कह रहे हैं कि “हाईकमान जो फैसला लेगा, वही अंतिम होगा”। यतिंद्र ने भी इस बात को रेखांकित किया
- कि डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया के बीच अब कोई मनमुटाव नहीं है।
- जनता का मूड सिद्धरमैया के साथ हाल के कुछ स्थानीय निकाय चुनाव और उपचुनावों में कांग्रेस ने
- शानदार प्रदर्शन किया है। यतिंद्र का दावा है कि मैसूरु, चामराजनगर, मांड्या और पुराने मैसूरु क्षेत्र में आज
- भी सिद्धरमैया की लोकप्रियता अपने चरम पर है। अहिंदा (अल्पसंख्यक-ओबीसी-दलित) वोटबैंक पूरी तरह उनके साथ खड़ा है।
सियासी गलियारों में क्या चल रहा है?
हालांकि यतिंद्र ने भरोसा जताया है, लेकिन कर्नाटक की राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं रहता।
कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभी भी मानते हैं कि 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में डीके शिवकुमार को मौका दिया जा सकता
है, ताकि वोक्कालिगा वोटबैंक को मजबूत किया जाए। बीजेपी भी इसी फूट का फायदा उठाने की फिराक में है।
देवेगौड़ा और कुमारस्वामी बार-बार कह रहे हैं कि “कांग्रेस की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी”।
अंत में…
यतिंद्र सिद्धरमैया का यह बयान न सिर्फ उनके पिता के लिए मजबूत समर्थन है, बल्कि कर्नाटक कांग्रेस को एकजुट होने का संदेश भी है।
अगर हाईकमान सचमुच सिद्धरमैया के साथ खड़ा रहता है और 5 गारंटी योजनाएं पूरी तरह धरातल पर उतरती हैं,
तो वाकई कर्नाटक में अगले साढ़े चार साल सिद्धरमैया के नाम रह सकते हैं।
लेकिन राजनीति है – यहाँ कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। फिलहाल यतिंद्र का भरोसा
और सिद्धरमैया का अनुभव कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत बना हुआ है।
