ड्राफ्ट मतदाता सूची 2025 : भारतीय लोकतंत्र की नींव मतदाता सूची की शुद्धता पर टिकी है। 17 दिसंबर 2025 को चुनाव आयोग (ईसी) पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुदुच्चेरी और लक्षद्वीप – के लिए ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने जा रहा है। यह विशेष गहन संशोधन (SIR) का दूसरा चरण है, जो मतदाता सूचियों से मृत, स्थानांतरित, डुप्लिकेट या अनुपस्थित नामों को हटाने पर केंद्रित है। अनुमान है कि इन क्षेत्रों में 2.5% से 8.5% तक नाम कटौती होगी, जो लाखों की संख्या में हो सकती है। यह कदम न केवल फर्जी वोटिंग को रोकने में मददगार साबित होगा, बल्कि आगामी चुनावों की पारदर्शिता को बढ़ाएगा। आइए, इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को विस्तार से समझें।
विशेष गहन संशोधन (SIR): उद्देश्य और प्रक्रिया
चुनाव आयोग द्वारा शुरू किया गया विशेष गहन संशोधन मतदाता सूचियों की सफाई का एक व्यवस्थित अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य है – मृत मतदाताओं, स्थानांतरित निवासियों, डुप्लिकेट एंट्रीज और अनट्रेसेबल नामों को पहचानना और हटाना। 2010 में प्रतिनिधित्व ऑफ द पीपल एक्ट में संशोधन के बाद, सूची में संशोधन के लिए सत्यापन अनिवार्य हो गया, लेकिन नियमों की कमी से त्रुटियां जमा होती रहीं। अब, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा फॉर्मों की जांच के बाद, त्रुटिपूर्ण एंट्रीज वाले मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे।

प्रक्रिया सरल लेकिन सख्त है:
- जांच और नोटिस: यदि फॉर्म पूर्व सूची से लिंक नहीं है, तो नोटिस भेजा जाएगा। पश्चिम बंगाल में ही ऐसे नोटिस 58 लाख से अधिक हो सकते हैं।
- सत्यापन: मतदाता को नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने होंगे। चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) इनकी जांच करेंगे।
- वितरण और अपलोड: ड्राफ्ट जारी होने के बाद, कलेक्टर जिला स्तरीय पार्टियों को प्रिंटेड और सॉफ्ट कॉपी देंगे, साथ ही वेबसाइट पर अपलोड होगा।
यह प्रक्रिया ई-फॉर्म सबमिशन के बाद दस्तावेज की जरूरत को बाद में स्थानांतरित करने से सुगम हुई है, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं।
शामिल राज्य-केंद्र शासित प्रदेश: आंकड़े और प्रभाव
यह संशोधन पांच क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां मतदाता संख्या और कटौती का अनुपात अलग-अलग है:
- पश्चिम बंगाल: अनुमानित 58 लाख नाम कटौती (मृत, स्थानांतरित, डुप्लिकेट)। नोटिसों की संख्या इससे कहीं अधिक, जो सत्यापन को जटिल बनाएगी।
- राजस्थान: कुल 5.46 करोड़ मतदाता; 7.5-8.5% कटौती, यानी 41-43.7 लाख नाम। यह राज्य की राजनीतिक सक्रियता को प्रभावित कर सकता है।
- गोवा: 11.8 लाख मतदाता; लगभग 1 लाख (8.5%) कटौती। छोटे राज्य में यह बदलाव विधानसभा चुनावों पर असर डालेगा।
- पुदुच्चेरी: केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल, लेकिन विशिष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं। स्थानीय चुनावों के लिए महत्वपूर्ण।
- लक्षद्वीप: कुल 57,813 मतदाता; न्यूनतम 2.5% कटौती (करीब 1,445 नाम)। द्वीपीय क्षेत्र में सटीकता सुनिश्चित होगी।
ये आंकड़े ईसी के स्रोतों पर आधारित हैं, जो दर्शाते हैं कि संशोधन से लाखों फर्जी वोटों का अंत होगा। पश्चिम बंगाल जैसे संवेदनशील राज्य में यह कदम विशेष रूप से सतर्कता बरतने वाला है।
समयसीमा: ड्राफ्ट से अंतिम प्रकाशन तक
- ड्राफ्ट मतदाता सूची आज (17 दिसंबर 2025) जारी होगी। इसके बाद आपत्तियां दर्ज करने का समय मिलेगा।
- स्रोतों के अनुसार, नोटिस प्राप्त करने वाले मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने का मौका मिलेगा
- जिसके आधार पर अंतिम कटौती तय होगी। पूर्ण प्रकाशन की तिथि स्पष्ट नहीं, लेकिन प्रक्रिया 2026 के चुनावी
- कैलेंडर से पहले पूरी होनी चाहिए। ईसी का लक्ष्य है कि सभी जिला चुनाव
- अधिकारी वेबसाइट पर अपडेट रखें, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
महत्व और चुनौतियां: लोकतंत्र की मजबूती
मतदाता सूची की शुद्धता निष्पक्ष चुनावों की कुंजी है। ईसी के एक स्रोत ने कहा, “2010 के संशोधन ने संशोधन को सत्यापन के बिना रोका, जिससे मृत, स्थानांतरित और डुप्लिकेट एंट्रीज जमा हो गईं, फर्जी वोटिंग का दायरा बढ़ा।” यह SIR उस कमी को दूर करेगा। महत्वपूर्ण लाभ:
- फर्जी वोटिंग में कमी: लाखों अवैध नाम हटने से चुनावी धांधली रुकेगी।
- मतदाता विश्वास: सटीक सूची से युवा और प्रवासी मतदाताओं का विश्वास बढ़ेगा।
- डिजिटल एकीकरण: ऑनलाइन अपलोड से पहुंच आसान।
हालांकि, चुनौतियां भी हैं – पश्चिम बंगाल में 58 लाख से अधिक नोटिसों का बोझ, दस्तावेज जमा करने में देरी, और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी। ईसी ने पार्टियों को सूचियां साझा कर सहयोग मांगा है।
स्वच्छ मतदाता सूची से मजबूत लोकतंत्र
- ड्राफ्ट मतदाता सूची 2025 का जारी होना चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
- पांच राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में लाखों नामों की सफाई से आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव
- अधिक निष्पक्ष होंगे। नागरिकों को सलाह है – अपनी स्थिति जांचें, वोटर हेल्पलाइन ऐप डाउनलोड करें
- और समय पर अपडेट करें। यह कदम ‘विकसित भारत’ के विजन में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करेगा।
- ईसी की यह पहल सराहनीय है, जो फर्जी वोटिंग के अंधेरे को दूर करने की दिशा में रोशनी का कार्य है।
